पेट को काटे,
सिले काटे, सिले फ़िर से
नयी पुरानी ही सही,
बेटे की कमीज़ हो जाए..
जिस रोज़ थाली में
रोटी की दीद हो जाए
उस शाम मोची के घर में
ईद हो जाए..
सिले काटे, सिले फ़िर से
नयी पुरानी ही सही,
बेटे की कमीज़ हो जाए..
जिस रोज़ थाली में
रोटी की दीद हो जाए
उस शाम मोची के घर में
ईद हो जाए..