कैसे कैसे मंजर देखे..
पीठ में घुसते खंज़र देखे..
चेहरे पर मुस्कान खिली पर
ह्रदय पटल पर बंज़र देखे
दवा भी देखी, दुआ भी देखी
अपनेपन के समंदर देखे
चिकनी चुपड़ी बातों के पीछे
हिलते अस्थी पंजर देखे
छत भी देखा, दीवारें देखीं
शीशों पर जमे बवंडर देखे
खाली पड़े मकान हैं दिल के
झाँक झाँक कर अन्दर देखे
छल भी देखा, कपट भी देखा
जीत में अंधे अंधड़ देखे
पर विश्व विजय की चाहत में
हारे कई सिकंदर देखे
पीठ में घुसते खंज़र देखे..
चेहरे पर मुस्कान खिली पर
ह्रदय पटल पर बंज़र देखे
दवा भी देखी, दुआ भी देखी
अपनेपन के समंदर देखे
चिकनी चुपड़ी बातों के पीछे
हिलते अस्थी पंजर देखे
छत भी देखा, दीवारें देखीं
शीशों पर जमे बवंडर देखे
खाली पड़े मकान हैं दिल के
झाँक झाँक कर अन्दर देखे
छल भी देखा, कपट भी देखा
जीत में अंधे अंधड़ देखे
पर विश्व विजय की चाहत में
हारे कई सिकंदर देखे